"शीते शीतानिलस्पर्शसंरुद्धो बलिनां बली:l पक्ता भवति .."च.सू.६/९
हेमंत रुतु में शीत वायु के लगने से अग्नि वृद्धि होती हैं ऐसा चरक [और वाग्भट ने] कहा है. वर्षा रुतु में भी शीत वायु होती है लेकिन इस रुतु में इस कारण से अग्नि वृद्ध क्यों नहीं होती? .......
http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2168
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