Thursday, 29 March 2012

SUCCESS STORY - PAARSHNI SHOOL

नमस्कार ,
मैंने जब से साईट ज्वाइन की है तब से मै सोचता था की यहाँ केवल अपनी प्रक्टिस बढाने के हिसाब से अपना प्रश्न पोस्ट करके जवाब पाए जाते है. याने " मेरा है मेरा और तेरा भी ही मेरा " इस लाइन को ध्यान में रख के ....पर जब मैंने डा. भट्ट सर और डा. सचिन रेवारजी की केसेस पढ़ी तो मन में आया चलो हम भी कुछ लिख दे अपनी सफलता के बारे में....
अस्तु......

पाँव में - पार्ष्नी प्रदेश में शूल ये लक्षण लेके मेरे पास रुग्ण आया था दि. ०५/०७/२०१० को.

हमेशा की तरह मैंने वात व्याधि सोच के केस लेना चालु किया. लेकिन .....
जैसे जैसे मैंने केस टेकिंग करता गया ( मै वेटिंग रूम में कितने भी रुग्ण क्यों न हो, जबतक केबिन में बैठा रुग्ण समाधानी नहीं होता तबतक और पैसे लिए बिना रुग्ण को बाहर नहीं जाने देता )......


http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2390

No comments:

Post a Comment