Tuesday, 27 March 2012

KABIR VANI

DEAR डॉ.दिवाकरजी ke medical fantacism ये presentation देख के kabir की वाणी सही लगने लगी....शायद hum भी इसका पार्ट तो nahi हो रहे है...

रहना नहीं देश विराना है || 2|
ये है संसार कागद की पुडिया बूंद पड़े घुल जाना है...
रहना नहीं देश विराना है || 2|

ये है संसार काँटों की बाड़ी उलज पुलज़ मर जाना है...
रहना नहीं देश विराना है || 2|
ये है संसार कागद की पुडिया बूंद पड़े घुल जाना है...

ये है संसार झाड़ी और झोपड़ी आग लगे मर जाना है....
रहना नहीं देश विराना है || 2|
ये है संसार कागद की पुडिया बूंद पड़े घुल जाना है...

कहत कबीर सुनो भाई साधू ....


http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2340

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