दो सवाल
मेरे दो सवाल है.....
१) ६ महीने तक के उम्र के बहोत सारे छोटे बच्चू में कई बार " आनाह" देखने को मिलता है. मुहबोली में हम उसे gases हो रहे है ऐसा कहते है. आधुनिक तज्ञ कहते है की ये normal है . ६ महीने बाद अपने आप कम हो जाएगा...क्या ये सही है? और फिर ये भी प्रश्न है की वो gases तैयार ही क्यों होते है?
आयुर्वेद के अनुसार स्तन्य दुष्टि की चिकित्सा करने से वो कम होते ही है.....और बाद में ६ महीने बाद अगर चिकित्सा न की गई हो तो ऊपर का खाना चालु होता है और स्तन्य सेवन जो की आनाह का हेतु है वो कम कम होता जाता है.......
२) दन्त के आने के समय कई सारी तकलीफे बच्चू को होती है..वाग्भटाचार्य भी कहते है की उस समय बच्चू को कोई भी तकलीफ हो सकती है.
आधुनिक के मत अनुसार दन्त आते समय बच्चू मुह में कुछ ना कुछ चबाने के लिए डालते रहते है. इसकी वजह से infection होता है और बच्चू को अतिसार, ज्वर इ. तकलीफे होती है......
http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2404
मेरे दो सवाल है.....
१) ६ महीने तक के उम्र के बहोत सारे छोटे बच्चू में कई बार " आनाह" देखने को मिलता है. मुहबोली में हम उसे gases हो रहे है ऐसा कहते है. आधुनिक तज्ञ कहते है की ये normal है . ६ महीने बाद अपने आप कम हो जाएगा...क्या ये सही है? और फिर ये भी प्रश्न है की वो gases तैयार ही क्यों होते है?
आयुर्वेद के अनुसार स्तन्य दुष्टि की चिकित्सा करने से वो कम होते ही है.....और बाद में ६ महीने बाद अगर चिकित्सा न की गई हो तो ऊपर का खाना चालु होता है और स्तन्य सेवन जो की आनाह का हेतु है वो कम कम होता जाता है.......
२) दन्त के आने के समय कई सारी तकलीफे बच्चू को होती है..वाग्भटाचार्य भी कहते है की उस समय बच्चू को कोई भी तकलीफ हो सकती है.
आधुनिक के मत अनुसार दन्त आते समय बच्चू मुह में कुछ ना कुछ चबाने के लिए डालते रहते है. इसकी वजह से infection होता है और बच्चू को अतिसार, ज्वर इ. तकलीफे होती है......
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