Friday, 6 April 2012

TADVIDYA SAMBHASHA BUDHHIVARDHANANAM!!!

आदरणीय वैद्यगण,
बहुत दिनों से मै इस माध्यम से आपसे परिचित हु| सभी का इस व्यासपीठ पर धन्यवाद व्यक्त करता हु| सभी आदरणीय वैद्यगणों की उपस्थिति से इस मंच पर तदविद्य संभाषा का जो यथार्थ अनुभव हो रहा है; इस हेतु हम सभी नए वैद्यो की तरफ से आप सभी को शत शत धन्यवाद ....
आचार्य चरक लिखते है,
"तदविद्य संभाषा बुद्धिवर्धनानाम" याने की बुद्धिवर्धन करने वाले सभी भावो में सबसे श्रेष्ठ भाव जो है वो है "विशेषज्ञों से विचार विमर्श "|
इस माध्यम से यही कार्य अत्यंत सरलता से हो रहा है| मुझे किसी भी केस का अभ्यास करना हो तो मै यहाँ पोस्ट की हुयी केस भी देख लेता हु| इस से चिकित्सा सिद्धांत और चिकित्सा द्रव्य समझने में बड़ी सरलता होती है |और बुद्धि वर्धन होता रहता है |......


http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2513

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