आज-कल कई नई बीमारियाँ दिखाई है--e.g.swine-flue etc ;और कई ऐसी है जिसका संहिताओं मैं वर्णन नहीं मिलता--hypertension,cancer,etc.;और कई बीमारियों में कितने भी परिक्षण किये जाए कुछ मिलता नहीं,लेकिन रुग्ण उनसे परेशान रहता है.तो इस में वैद्य कैसे चिकित्सा करे????
मेरे अल्प-मति के अनुसार ३ तरह से निदान विनिश्चय कर के चिकित्सा की जा सकती है-
१)अवर मार्ग--alliopathy के तरीके से निदान करो,और आयुर्वेदीय चिकित्सा दो.
२)मध्यम मार्ग--alliopathy के अनुसार लक्षण समुच्चय देखो और उसको आयुर्वेद की परिभाषा में क्या कहते है[उदा.fever --ज्वर/संताप,pain --शूल इ.] इसकी list बनायो और फिर उसके सहारे निदान कर चिकित्सा करो.
३)प्रवर मार्ग--व्याधि-प्रकृति,अधिष्ठान,समुत्थान इन ३ का विचार कर,अनुक्त व्याधि की चिकित्सा करो.
प्रिय वैद्यगण,आप अपने चिकित्सालय में कैसे व्यवहार करते हो?क्या मैंने सही कहा है?आप की क्या राय है?....
http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2451
मेरे अल्प-मति के अनुसार ३ तरह से निदान विनिश्चय कर के चिकित्सा की जा सकती है-
१)अवर मार्ग--alliopathy के तरीके से निदान करो,और आयुर्वेदीय चिकित्सा दो.
२)मध्यम मार्ग--alliopathy के अनुसार लक्षण समुच्चय देखो और उसको आयुर्वेद की परिभाषा में क्या कहते है[उदा.fever --ज्वर/संताप,pain --शूल इ.] इसकी list बनायो और फिर उसके सहारे निदान कर चिकित्सा करो.
३)प्रवर मार्ग--व्याधि-प्रकृति,अधिष्ठान,समुत्थान इन ३ का विचार कर,अनुक्त व्याधि की चिकित्सा करो.
प्रिय वैद्यगण,आप अपने चिकित्सालय में कैसे व्यवहार करते हो?क्या मैंने सही कहा है?आप की क्या राय है?....
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