Wednesday, 4 April 2012

GARBHINI PARICHARIYA

सभी वैद्यगण को मेरा नमस्कार ।
एक गर्भवती(31yrs) जिसका लगातार 5 बार 6TH मास मे गर्भपात हो चुका है आधुनिक चि. विज्ञान हाईपरथाइरिडिज्म को कारण बता रहे हैं।
नाडी. तीव्र,बलहीन
मुत्र. पीतवर्ण
जिह्वा लालिमायुक्त निर्मल
स्पर्श स्निग्ध एंव उष्ण
दृक श्वेतवर्ण PROMINENT
आकृति सामान्य
शारिरीक एवं मानसिक बल सामान्य
क्षुधा तीव्र
भ्रम, शिरशुल, श्रोणिपीडा ,चलगर्भ, हृदद्रव, रक्तावृतवातलक्षण,
रूग्णा को मै मासानुमासिक परिचर्या के अतिरिक्त फलघृत दे रहा हुँ
सातवेँ मास मे मैने शतावरीघृत, कमलकेफुल मुलेठी शतावरी सिद्द गोदुग्ध (शीतदुग्ध बारमबार) सीरप शंखपुष्पी ,सुतशेखररस और रात्रिकाले आमलकी चुर्ण एकग्राम की योजना बनाई है।
रूग्णा का मुख्य लक्षण अत्यधिकश्रोणिपीडा है.....


http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2490

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