Wednesday, 4 April 2012

BHAJAN 1

Vd.मनीष जोशी सर का मत रो मेरे दिल ....ये केस देखके लगा की मैं अकेला ही नहीं जिसे ऐसा लगता hai....बहुत बार मैं cases देखके nervous हो जाता tha.....की ये क्या चल रहा है.....ब्रम्हाजी से कहता tha ....

तुम ढुढु [ DHUNDO } मुझे गोपाल मैं खोयी गैय्या तेरी |
सुन लो मेरी गोपाल मैं खोयी गैय्या तेरी ||२||

पाँचविकार से हाकी जाए पाँच तत्त्व की ये देहि ||२||
बरबस भटकी दूर कही मैं चैन न पाउ कही ||२||
ये कैसा मायाजाल मैं उलझी गैय्या तेरी |
सुन लो मेरी गोपाल मैं उलझी गैय्या तेरी ||
तुम ढुढु [ DHUNDO } मुझे गोपाल मैं खोयी गैय्या तेरी |.......


http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2471

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