As we all know today makkarskranti,accrding to today is ayurved's new year. as per text we are entering to Utrayana. when i wished Happy New Year to Dr Mukesh Aggarwal and Dr Amit nakra, Dr Amit suggested me to write a case on it. so i am putting this case related to new year and basant.
बसंत का मौसम यानी सुख का आगाज ! शिशिर की शरीर को जमा देने वाली ठण्ड से मुक्ति , मकर सक्रांति से सूर्य के उतरायण में आने से सूर्य की पुलकित किरणों से शिशिर के पाले की परत पिघलने लगी और झरनों के रूप में बहने लगी, सूर्य की किरणों का संपर्क पाकर धरती भी हर्षित हुई और सरसों के पीले फूलो से भर नित नयी उमंग , उत्साह का संचार कर रही है, कहना चाहती है ,कि हे मानव उठ त्याग आलस्य, कर निश्चेय नव उमंग के साथ, नव वर्ष कि नयी योजनाओ का सृजन कर, उनको पूरा करने का पर्ण कर, प्रकृति से सीख जीवन जीने कि राह.
आयुर्वेद में भी कहा कि जैसे पतझड़ के बाद बसंत आता है , उसी प्रकार शरीर में नए रक्त का उत्पादन , शारीरिक क्षमता का विकास होकर , शरीर में ओजस , उत्साह, उमंग , सफुर्ती जनम लेती है और हम पतंग कि तरह हलके हो उड़ने लगते है, इसी का पर्तीक रूप बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाना है.......
http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle3600
बसंत का मौसम यानी सुख का आगाज ! शिशिर की शरीर को जमा देने वाली ठण्ड से मुक्ति , मकर सक्रांति से सूर्य के उतरायण में आने से सूर्य की पुलकित किरणों से शिशिर के पाले की परत पिघलने लगी और झरनों के रूप में बहने लगी, सूर्य की किरणों का संपर्क पाकर धरती भी हर्षित हुई और सरसों के पीले फूलो से भर नित नयी उमंग , उत्साह का संचार कर रही है, कहना चाहती है ,कि हे मानव उठ त्याग आलस्य, कर निश्चेय नव उमंग के साथ, नव वर्ष कि नयी योजनाओ का सृजन कर, उनको पूरा करने का पर्ण कर, प्रकृति से सीख जीवन जीने कि राह.
आयुर्वेद में भी कहा कि जैसे पतझड़ के बाद बसंत आता है , उसी प्रकार शरीर में नए रक्त का उत्पादन , शारीरिक क्षमता का विकास होकर , शरीर में ओजस , उत्साह, उमंग , सफुर्ती जनम लेती है और हम पतंग कि तरह हलके हो उड़ने लगते है, इसी का पर्तीक रूप बसंत पंचमी पर पतंग उड़ाना है.......
http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle3600
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