Wednesday 21 March 2012

PROVERBS IN UR LANGUAGE

सभी वैद्यवर्ग को नमस्कार,
हमारी मातृभाषा में कई सारे मुहावरे होते हैं जो आयुर्वेद का तत्त्व या चिकित्सा बताते हैं,जो किसी काल में इस रूप में भाषा का भाग बने. मैं चाहूँगा की हम इस panel पर उसकी चर्चा करे. वह चिकित्सा या तत्त्व हमसे चिकित्सा करते वक्त छूट जाता हो तो हमें फिर से ध्यान में रहेगा.
जैसे मराठी में कहते हैं १.'पोट दुखेल तो ओवा मागेल'--जिसके पेट में दर्द हो वह अजवायन मांगेगा 
२.'पी हलद आणि हो गोरी'
हल्दी पियो और गोरे हो जाओ 
३.'सुंठी वाचून खोकला गेला'
बिना शुंठी खाए खासी ठीक हो गयी[मतलब शुंठी से खसी ठीक होती हैं]
इस तरह के और मुहावरे आप की भाषा में भी होंगे जिनका उपयोग हम चिकित्सा में कर सकते हो? .....

http://ayurvedaconsultants.com/caseshow.aspx?ivalue=engoogle2145 

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